Trending
Monday, 2024 October 28
अपार ऊर्जा के साथ सभी मुसीबतों से रक्षा करने के लिए ऐसे पढे नरसिंह चालीसा
Spiritual / 2023/05/09

अपार ऊर्जा के साथ सभी मुसीबतों से रक्षा करने के लिए ऐसे पढे नरसिंह चालीसा

नरसिंह चालीसा एक धार्मिक ग्रंथ है जो भगवान नरसिंह को समर्पित है। यह चालीसा उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है जो भगवान नरसिंह के उपासक हैं। इस चालीसा के पाठ से लोगों को धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।

नरसिंह चालीसा के लेखक हैं महाकवि तुलसीदास। यह चालीसा ४० श्लोकों से मिलकर बनी है। इसमें हर श्लोक में भगवान नरसिंह की महिमा, शक्ति और शान्ति की प्रार्थना की गई है।

नरसिंह चालीसा का पाठ करने से लोगों को संतोष, सफलता, सुख, शांति और धन की प्राप्ति होती है। यह चालीसा नित्य पाठ करने से व्यक्ति की जीवन में सभी तरह की मुसीबतों से रक्षा होती है।

चालीसा का पाठ करने से पहले, आपको एक साफ और शुद्ध मन की आवश्यकता होती है। आपको ध्यान देना चाहिए कि आपका मन खाली होना चाहिए और आपको चालीसा के पाठ के दौरान कोई भी अवरोध न हो।

नरसिंह चालीसा का पाठ दिन में किसी भी समय किया जा सकता है। 

श्री नरसिंह चालीसा

मास वैशाख कृतिका युत हरण मही को भार ।
शुक्ल चतुर्दशी सोम दिन लियो नरसिंह अवतार ।।

धन्य तुम्हारो सिंह तनु, धन्य तुम्हारो नाम ।
तुमरे सुमरन से प्रभु , पूरन हो सब काम ।।

नरसिंह देव में सुमरों तोहि ,
धन बल विद्या दान दे मोहि ।।1।।

जय जय नरसिंह कृपाला
करो सदा भक्तन प्रतिपाला ।।२ ।।

विष्णु के अवतार दयाला
महाकाल कालन को काला ।।३ ।।

नाम अनेक तुम्हारो बखानो
अल्प बुद्धि में ना कछु  जानों ।।४।।

हिरणाकुश नृप अति अभिमानी
तेहि के भार मही अकुलानी ।।५।।

हिरणाकुश कयाधू के जाये
नाम भक्त प्रहलाद कहाये ।।६।।

भक्त बना बिष्णु को दासा
पिता कियो मारन परसाया ।।७।।

अस्त्र-शस्त्र मारे भुज दण्डा
अग्निदाह कियो प्रचंडा  ।।८।।

भक्त हेतु तुम लियो अवतारा
दुष्ट-दलन हरण महिभारा ।।९।।

तुम भक्तन के भक्त तुम्हारे
प्रह्लाद के प्राण पियारे ।।१०।।

प्रगट भये फाड़कर तुम खम्भा
देख दुष्ट-दल भये अचंभा  ।।११।।

खड्ग जिह्व तनु सुंदर साजा
ऊर्ध्व केश महादष्ट्र विराजा ।।12।।

तप्त स्वर्ण सम बदन तुम्हारा
को वरने तुम्हरों विस्तारा ।।13।।

रूप चतुर्भुज बदन विशाला
नख जिह्वा है अति विकराला ।।14।।

स्वर्ण मुकुट बदन अति भारी
कानन कुंडल की छवि न्यारी ।।15।।

भक्त प्रहलाद को तुमने उबारा
हिरणा कुश खल क्षण  मह मारा ।।१६।।

ब्रह्मा, बिष्णु तुम्हे नित ध्यावे
इंद्र महेश सदा मन लावे ।।१७।।

वेद पुराण तुम्हरो यश गावे
शेष शारदा पारन पावे  ।।१८।।

जो नर धरो तुम्हरो ध्याना
ताको होय सदा कल्याना ।।१९।।

त्राहि-त्राहि प्रभु दुःख निवारो
भव बंधन प्रभु आप ही टारो ।।२०।।

नित्य जपे जो नाम तिहारा
दुःख व्याधि हो निस्तारा ।।२१।।

संतान-हीन जो जाप कराये
मन इच्छित सो नर सुत पावे ।।२२।।

बंध्या नारी सुसंतान को पावे
नर दरिद्र धनी होई जावे ।।२३।।

जो नरसिंह का जाप करावे
ताहि विपत्ति सपनें  नही आवे ।।२४।।

जो कामना करे मन माही
सब निश्चय सो सिद्ध हुई जाही  ।।२५।।

जीवन मैं जो कछु संकट होई
निश्चय नरसिंह सुमरे सोई ।।२६ ।।

रोग ग्रसित जो ध्यावे कोई
ताकि काया कंचन होई ।।२७।।

डाकिनी-शाकिनी प्रेत बेताला
ग्रह-व्याधि अरु यम विकराला  ।।२८।।

प्रेत पिशाच सबे भय खाए
यम के दूत निकट नहीं आवे ।।२९।।

सुमर नाम व्याधि सब भागे
रोग-शोक कबहूं   नही लागे  ।।३०।।

जाको नजर दोष हो भाई
सो नरसिंह चालीसा गाई ।।३१।।

हटे नजर होवे कल्याना
बचन सत्य साखी भगवाना  ।।३२।।

जो नर ध्यान तुम्हारो लावे
सो नर मन वांछित फल पावे ।।३३।।

बनवाए जो मंदिर ज्ञानी
हो जावे वह नर जग मानी ।।३४।।

नित-प्रति पाठ करे इक बारा
सो नर रहे तुम्हारा प्यारा ।।३५।।

नरसिंह चालीसा जो जन गावे
दुःख दरिद्र ताके निकट न आवे ।।३६।।

चालीसा जो नर पढ़े-पढ़ावे
सो नर जग में सब कुछ पावे ।।37।।

यह श्री नरसिंह चालीसा
पढ़े रंक होवे अवनीसा ।।३८।।

जो ध्यावे सो नर सुख पावे
तोही विमुख बहु दुःख उठावे ।।३९।।

“शिव स्वरूप है शरण तुम्हारी
हरो नाथ सब विपत्ति हमारी “।।४० ।।

चारों युग गायें तेरी महिमा अपरम्पार ‍‌‍।
निज भक्तनु के प्राण हित लियो जगत अवतार ।।

नरसिंह चालीसा जो पढ़े प्रेम मगन शत बार ।
उस घर आनंद रहे वैभव बढ़े अपार ।।

“इति श्री नरसिंह चालीसा संपूर्णम “

नरसिंह चालीसा एक धार्मिक ग्रंथ है जो भगवान नरसिंह को समर्पित है। यह चालीसा उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है जो भगवान नरसिंह के उपासक हैं। इस चालीसा के पाठ से लोगों को धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।

नरसिंह चालीसा के लिखक हैं महाकवि तुलसीदास। यह चालीसा ४० श्लोकों से मिलकर बनी है। इसमें हर श्लोक में भगवान नरसिंह की महिमा, शक्ति और शान्ति की प्रार्थना की गई है।

नरसिंह चालीसा का पाठ करने से लोगों को संतोष, सफलता, सुख, शांति और धन की प्राप्ति होती है। यह चालीसा नित्य पाठ करने से व्यक्ति की जीवन में सभी तरह की मुसीबतों से रक्षा होती है।

चालीसा का पाठ करने से पहले, आपको एक साफ और शुद्ध मन की आवश्यकता होती है। आपको ध्यान देना चाहिए कि आपका मन खाली होना चाहिए और आपको चालीसा के पाठ के दौरान कोई भी अवरोध न हो।

नरसिंह चालीसा का पाठ दिन में किसी भी समय किया जा सकता है। इसे पढ़ने से पहले आप प्रथम श्लोक से शुरू करते हुए नरसिंह चालीसा के पाठ का आरंभ किया जाता है। चालीसा के पाठ के बाद आप नरसिंह भगवान की कृपा और आशीर्वाद से भर जाते हैं।

नरसिंह चालीसा का पाठ न केवल आध्यात्मिक विकास के लिए बल्कि मानसिक और शारीरिक रोगों से मुक्ति के लिए भी उपयोगी होता है।

यदि आपके जीवन में कोई समस्या है या आप दु:खी हैं तो नरसिंह चालीसा के पाठ से आप अपने जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति कर सकते हैं।

इसलिए, नरसिंह चालीसा को नित्य पाठ करने से हमें अपने जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और सफलता की प्राप्ति होती है। अगर आप नरसिंह चालीसा को नित्य पाठ करते हैं तो आप धन की प्राप्ति के साथ-साथ सामूहिक उत्थान के लिए भी योगदान दे सकते हैं। नरसिंह चालीसा अत्यंत प्रभावशाली है और इसे पढ़ने से जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है। इसलिए, हमें नरसिंह चालीसा को नित्य पाठ करने की सलाह दी जाती है।

tags: Narsingh Chalisa, हिंदी में नरसिंह चालीसा, नरसिंह भगवान् की कृपा, नरसिंह जयंती, प्राचीन नरसिंह मंदिर, नरसिंह पूजा विधि, नरसिंह देवोत्थापना, नरसिंह अवतार, नरसिंह जी के लीला, नरसिंह भगवान के मंत्र, नरसिंह चालीसा के पूरे श्लोक हिंदी में, नरसिंह चालीसा का महत्व और फायदे रोजाना पाठ करने के लिए, नरसिंह चालीसा के श्लोकों का विस्तृत विवरण और अर्थ, नरसिंह चालीसा का पाठ करने से होने वाले समस्त लाभ, नरसिंह चालीसा का महत्वपूर्ण स्थान और प्रभाव, नरसिंह चालीसा का जाप करने की विधि और महत्व, नरसिंह चालीसा का इतिहास और महत्व, नरसिंह चालीसा के प्रत्येक श्लोक का अर्थ और उनका महत्व, नरसिंह चालीसा का अनुवाद हिंदी में, नरसिंह चालीसा के मंत्र जाप के महत्वपूर्ण टिप्स और नियम


Tranding


VipulJani

contact@vipuljani.com

© 2024 Vipul Jani. All Rights Reserved.