भारतीय संस्कृति में तिलक: कौन सी ऊँगली से किसे तिलक किया जाता है?
कौन सी ऊँगली से किसे तिलक किया जाता है: एक परंपरागत रीति
प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक विरासत में, रंग-बिरंगे तिलक अद्भुतता और श्रद्धा का प्रतीक है। यह एक अद्वितीय प्रक्रिया है जो विभिन्न समुदायों और संस्कृतियों में भिन्न-भिन्न रूपों में की जाती है, और इसमें एक विशेष तिलक लगाने की प्रक्रिया है, जिसमें यह साबित होता है कि कौन सी ऊँगली से किसे तिलक किया जाता है।
1. श्रीवत्स तिलक:
इस तिलक को स्वरूपवत् दर्शाने के लिए, एक ऊँगली का इस्तेमाल किया जाता है, जो श्रीकृष्ण की राधा द्वारा लगाया जाता है। इसमें मुख्य रूप से उंगली की तिकोन रूप में श्रीवत्स चित्रित होता है।
2. शंख तिलक:
इस तिलक को देवी लक्ष्मी के पूजन में लगाया जाता है। इसमें एक ऊँगली का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे शंख का चित्रण किया जाता है।
3. त्रिपुण्ड्र तिलक:
इसे शैव सम्प्रदाय में लगाया जाता है और इसमें तीन अलग-अलग बिंदुओं का चित्रण किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से तीनों बिंदुएँ शिव, पार्वती, और गणेश को प्रतिष्ठित करती हैं।
4. उद्दीपन तिलक:
इसे विशेष रूप से दिवाली के दिन लगाया जाता है, और इसमें एक ऊँगली का इस्तेमाल करके दीप का चित्रण किया जाता है।
5. अष्टग्रह तिलक:
इसे नौ ग्रहों की पूजा के दौरान लगाया जाता है, और इसमें नौ बिंदुएँ बनाई जाती हैं, जिन्हें नौ ग्रहों को प्रतिष्ठित करने के लिए प्रतीत किया जाता है।
इन सभी तिलकों में, ऊँगली का चयन विशेष रूप से श्रद्धा और आदर के साथ किया जाता है। यह एक परंपरागत प्रक्रिया है जो संस्कृति और धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा है और इसे आगे बढ़ाने का कारण यह है कि यह एक व्यक्ति को उनके धार्मिक आदर्शों की ओर मुख करने का एक सुंदर तरीका है।
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