Vastu Tips: कैसा होना चाहियें बेडरूम | जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार बेडरूम बनाए के नियम
वास्तु दोष घर में नकारात्मक उर्जा पैदा करते है जिससे हमें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वास्तु का हमारे घर में बहुत महत्त्व है ये हमारे पुरे जीवन को प्रभावित करता है इसलिए हमारे लिए क्या अनुकूल है क्या प्रतिकूल है ये हमें जान लेना चाहियें ये हमारी सफलता और को पूर्ण रूप से प्रभावित करता है हम घर बनाते समय बहोत चीजो का ध्यान रखते है घर को आकषर्क बनाने के लिए क्या कुछ नहीं करते है घर में कलर, फर्नीचर, सजावट के सामान से लेकर सभी बातो का ध्यान रखना पड़ता है जिस से की वास्तु दोष को कम किया जा सके और हमें वास्तु सम्बंधित परेशानियों का सामना ना करना पड़े।
सबसे जरुरी है दिशा, वास्तु शास्त्र में दिशा का बहोत महत्त्व है घर बनाते समय बेडरूम किस दिशां में बनाना चाहिए इसका विशेष ध्यान रखना जरुरी है क्योकि यह घर के स्वामी का स्थान होता है और वास्तु कमज़ोर हुआ तो गृहस्वामी भी कमज़ोर हो जायेगा इसलिए आप ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दिशा का ध्यान रखे।
मुख्य बेडरूम कौन सी दिशा में होनी चाहिए?
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर के स्वामी अर्थात घर के मालिक का मुख्य बेडरूम हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहियें। साथ ही इसमें निवास करने वाले वाले व्यक्ति को दक्षिण की तरफ सिर और उत्तर की तरफ पैर करके सोना चाहिए। बच्चों के लिए कक्ष उत्तर-पश्चिम दिशा में होना वास्तु के अनुसार शुभ माना जाता है।
शीशे के सामने नहीं सोना चाहिए
हमारे पलंग के ठीक सामने शीशा नहीं होना चाहिए, क्योकि शीशे में हमारा प्रतिबिंब दिखाई देता है और विशेष सोत समय अगर प्रतिबिंब दिखाई देगा जो की पति - पत्नी के रिश्तो में तनाव पैदा करने का कारण बनता है पलंग के अगर सामने ऐसा दर्पण हो, जिसमें आपका प्रतिबिंब दिखाई देता हो, तो उस पर कपड़ा डालकर सोना चाहिए। शीशे के लिए उत्तरी या पूर्वी दीवार एक अच्छी जगह है।
घर के मुख्य द्वार पर शीशा लगाने से क्या होता है?
वास्तु और फेंगशुई के अनुसार, घर में लगा हुआ दर्पण अलग अलग तरीकों से ऊर्जा का स्थानांतरण करता है यह ऊर्जा सकरात्मक और नकारात्मक दोनों रूप में हो सकती है। हम अपने हिसाब से अपनी सुविधानुसार लगाते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार, गलत जगह लगाया गया शीशा नकारात्मक ऊर्जा भी दे सकता है।
वास्तु के अनुसार ऐसा माना जाता है कि आपके बिस्तर का हेडबोर्ड मास्टर बेडरूम में दक्षिण या पश्चिम दिशा में होना चाहिए। साथ ही बेडरूम का ईशान कोण खाली होना चाहिए। अपने जूते, सैंडल या फ्लिप-फ्लॉप कभी भी अपने सिर के पास या बिस्तर के नीचे न रखें। कहा जाता है कि इससे सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शयनकक्ष यानी बेडरूम में आक्रामक जानवरों या प्राणियों की तस्वीरें व देवी-देवताओं की क्रोधित मुद्रा में तस्वीर या मूर्ति नहीं होनी चाहिए। हालांकि, रिश्ते को बेहतर करने के लिए आप राधा-कृष्ण की मनमोहक तस्वीर लगा सकते है। शयनकक्ष में पूजा घर (मंदिर) नहीं रखना चाहिए। बेडरूम की दीवार पर पूर्वजों की तस्वीरें नहीं टंगी होनी चाहिए। बेडरूम में किसी भी तरह का अगर इलेक्ट्रॉनिक सामान है, तो उसे कमरे के दक्षिण-पूर्वी कोने में रखना चाहिए।
वास्तु के अनुसार, कमरे की पूर्व और उत्तर की दिशा को खाली छोड़ना चाहिए। इन दिशाओं से आने वाली हवाओं और सूर्य की रोशनी में किसी भी प्रकार की कोई अड़चन नहीं आनी चाहिए इसीलिए इन दिशाओं में कोई भी भारी सामान न रखें। इन दोनों दिशाओं से ही रूम में पॉजीटीव एनर्जी आती है। भारी सामान जैसे सोफा, अलमारी आदि को आप दक्षिण और पश्चिम की दिशा में रख सकते है। कभी भी पलंग को बीम के नीचे नहीं लगाना चाहिए। बीम अलगाव का प्रतीक होता है। यदि ऐसा करना संभव न हो, तो बीम के नीचे बांसुरी या विंड चाइम लटका देना चाहिए। बेडरूम में फर्नीचर लोहे का और आकार में धनुषाकार, अर्धचंद्राकार या वृत्ताकार नहीं होना चाहिए। आयताकार, चौकोर लकड़ी के फर्नीचर ही वास्तु में शुभ माने गए हैं। शयनकक्ष में बहती नदी या झरने की तस्वीरें, नुकीले बर्फ के पहाड़ या एक्वेरियम कभी न रखें। ये सभी बेडरूम में रखना अशुभ माना गया है।
वास्तु शास्त्र की माने तो अगर आपको सुकून भरी नींद चाहिए तो हमेशा अपने हाथ पैर धोकर साफ सुथरे बिस्तर पर ही सोना चाहियें। आपके बिस्तर के नीचे का हिस्सा हवादार और पूरी तरह से साफ होना चाहिए। तभी बेडरूम में सकारात्मकता यानी पॉजिटिविटी बनी रहेगी और वहां सोने वाले व्यक्ति को अच्छी नींद आएगी। लेकिन अगर बिस्तर के नीचे घर का पुराना सामान या कबाड़ रखा हो तो इससे भी बेडरूम में नकारात्मक ऊर्जा (Negative energy) बढ़ने लगती है और शादीशुदा जीवन में दिक्कतें आने लगती हैं। इतना ही नहीं ऐसा करने से घर की सुख-शांति भी भंग हो जाती है। बेडरूम में अपने बेड या बिस्तर को दीवार से एकदम सटाकर नहीं लगाना चाहिए। बिस्तर पूरी तरह से समतल होना चाहिए। कोई भी हिस्सा उभरा हुआ या गड्ढानुमा नहीं होना चाहिए। बिस्तर के ही नहीं बल्कि गद्दे के नीचे भी कोई चीज न रखें। बेड हमेशा लकड़ी का होना चाहिए और उसे बेडरूम के दक्षिण या पश्चिम हिस्से में रखना चाहिए। मिट्टी के रंग जैसे बादाम के शेड्स बेडरूम की दीवारों के लिए अच्छे होते हैं। वास्तु के अनुसार, बच्चों के बेडरूम में चादरें, पर्दे, कालीनों के लिए काले और गहरे नीले रंग का इस्तेमाल करने से बचें क्योंकि वे बच्चों में परेशान करने वाली भावनाएं उत्पन्न कर सकते हैं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
यह सामान्य जानकारी है जो की वास्तु शास्त्र व मान्यता के आधार पर है हम इसकी पुष्टि नहीं करते है घर बनाते वक्त ज्योतिष से आवश्यक परामर्श ले।