हत्या पूरी तरह योजना बनाकर की गई थी. हत्यारों ने उनके घर की रेकी की थी। इसके आधार पर एक हत्यारा उनका फैन बनकर फोटो खीचने वालों में शामिल हो गया। सूत्रों के अनुसार, मूसेवाला की रेकी करने के लिए एक शख्स फैन बनकर सेल्फी लेने शाम 04:30 बजे मूसा गांव में सिद्धू के घर भी गया था, जिसने हमलावरों को जानकारी दी थी कि सिद्धू अपने दोस्तों के साथ बुलेटप्रूफ वाहन के बिना घर से बाहर निकले हैं। मूसेवाला ( Moose wale) के घर से मिली CCTV फुटेज में इस बात का खुलासा हुआ है। पुलिस ने ये फुटेज अपने कब्जे में ले इसकी जांच शुरू कर दी है। मूसेवाला (Moose Wala) की हत्या के दिन उनके साथ कार में रहे गुरविंदर सिंह और गुरप्रीत सिंह ने इस की पुष्टि की है. हालांकि ये बात भी कही जा रही है कि उस दिन मूसेवाला की पिस्टल में पूरी गोलियां होती तो उनकी जान बच सकती थी। यह कहते है होनी को कौन ताल सकता है यही बात सच साबित करती है सिद्दू की मौत, सिद्दू मुसेवाला के पास बुलेट प्रूफ फॉर्च्यूनर भी थी, लेकिन घर पर बैठे मूसेवाला को अचानक से मौसी के घर जाने का ख्याल आया। मौसी का हालचाल जानने के लिए वह पहले पजेरो ले जा रहे थे। इसमें गनमैन भी उनके साथ जाने वाले थे, लेकिन उसके टायर में पंचर था। इसके बाद उन्होंने थार निकाली। गनमैन भी उनके साथ इस गाड़ी में जाने के लिए आगे आए तो उन्होंने कहा इसमें कम जगह है थोड़ी ही दूर जाना है और उन्होंने गनमैंस को अपने साथ आने से मना कर दिया।
हमलावारो की भी फूटी किस्मत
इस हमले के बाद ही शूटर अपने वाहनों में मौके से भाग गए लेकिन कुछ दूर जाकर बोलेरो अचानक रुक गई थी, जिसके चलते वह पहले कोरोला गाड़ी से भागे और जब वह भी गर्म होने के चलते बंद हो गई तो उन्होंने बंदूक के दम पर एक आल्टो कार लूट ली थी। हत्यारों की किस्मत धोखा तब और दे गई जब लूटी गई आल्टो भी बंद हो गई। चश्मदीदों ने बताया था कि आल्टो के बंद होने के बाद शूटरों को पैदल ही भागना पड़ा था। शरज ने बताया कि उसने मनप्रीत को शूटरों के लिए कोई दूसरी गाड़ी दिलाने को कहा था, लेकिन उसने अपनी ही गाड़ी दे दी थी। बाद में जब हमलावर वारदात को अंजाम देने पहुंचे थे तो मनप्रीत द्वारा उपलब्ध कराई गई खटारा कारों के चलते ही उन्हें पैदल भागना पड़ा था। फिर सिद्धू मूसेवाला हत्यारों के धरपकड़ के दौरान वह गाड़ियां भी पुलिस के हत्थे चढ़ गई थी।
सिद्धू मूसेवाला की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि उनके शरीर पर 19 गोलियां लगी थीं और गोली लगने के 15 मिनट के भीतर उनकी मौत हो गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक मूसेवाला के शरीर के दाहिने हिस्से में अधिकतर गोलियां मिली हैं। यह भी बताया गया है कि मूसेवाला की दाहिनी ओर की पसलियां टूट गई थीं और लीवर फट गया था। चोटों के कारण उनकी दाहिनी कोहनी भी टूट गई। रिपोर्ट के अनुसार उसकी खोपड़ी से एक गोली भी बरामद की गई है घटना वाले दिन कुछ लोगों ने बताया कि गोली लगने के बाद जब सिद्धू को गाड़ी से बाहर निकाला गया तो उसकी सांस चल रही थी। लोगों का कहना है कि उन्हें कार से बाहर निकालने में करीब 10 से 15 मिनट का समय लगा, इस दौरान सिद्धू की सांसें चल रही थीं। अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
खालिस्तान समर्थको होने का आरोप भी लग चूका है इनके एक गाने में खालिस्तान के समर्थक भरपूर सिंह बलबीर की 1980 की स्पीच को भी दिखाया था। कई विवादों के बावजूद इन्होने राजनीती का दामन थाम लिया और 2022 के असेंबली इलेक्शन में भाग लिया और चुनाव हार गए थे। हार का ठीकरा भी पंजाब की जनता पर फोड़ते हुए इसका जिक्र उन्होंने अपने सिंगिंग अंदाज में दिया गाने में पंजाब की जनता को ही गद्दार कह दिया जिसपर बहोत विवाद हुआ था। विवादित सिंगिंग करियर के बाद राजनीती तक का मुश्किल सफ़र रहा है आज इनपर फायरिंग हुयी और अस्पताल में म्रत्यु हुयी।