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इजराइल और गाजा के संबंध | इज़राइल हमास युद्ध
Update / 2023/10/08

आप कितना जानते है इजराइल और गाजा के संबंध के बारे मे?

दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जब भी द्विपक्षीय तनाव या संघर्ष की बात आती है, तो इजराइल और गाजा का नाम सबसे पहले याद आता है। इस ब्लॉग में, हम इस्राइल और गाजा के संबंधों का इतिहास जानेंगे, जिन्होंने इस क्षेत्र को एक संवाद और समझौता के बजाय आक्रमण और विरोध का स्थान बना दिया है।

प्राचीन इतिहास:

इस्राइल और गाजा के संबंधों का इतिहास बहुत प्राचीन है, और इनके बीच संघर्ष के मूल कारण धार्मिक और भौतिक दोनों हैं। गाजा प्राचीन मिस्र साम्राज्य का हिस्सा था और इस प्रकार मिस्री भूमि के तौर पर आता था। इस्राइल के इतिहास में भी गाजा का उल्लेख मिलता है, और इसे विभिन्न धर्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का हिस्सा माना जाता है।

ब्रिटिश मंडेट:

20वीं सदी के आरंभ में, इस्राइल के इस क्षेत्र में ब्रिटिश मंडेट था, जिसके तहत इस्राइल और गाजा दोनों के क्षेत्र शामिल थे। इस समय, यहां के अरब और यहूदी समुदायों के बीच तनाव बढ़ गए, और इसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र में अधिक संघर्ष और उद्धारण के चरम स्थान पर पहुंच गया।

यू.एन. के तहत विभाजन:

1947 में, यूनाइटेड नेशन्स (यू.एन.) के प्लान डिवाइड के तहत, इस्राइल और पालेस्टाइन के बीच क्षेत्र का विभाजन हुआ। इस प्लान के अनुसार, इस्राइल और पालेस्टाइन दो अलग-अलग राज्यों में विभाजित होने चाहिए थे। इस्राइल ने इस प्लान को स्वीकार किया, लेकिन पालेस्टाइन के अरब राष्ट्रों ने इसका विरोध किया।


नक्सला वार:

1948 में इस्राइल का गठन हुआ और इसके बाद उसे अपने सीमा की रक्षा करनी पड़ी। इस्राइल ने अपनी सीमाओं को बढ़ाया और उसका परिणामस्वरूप गाजा भी इस्राइल के अंदर आ गया। इसके परिणामस्वरूप, गाजा एक अलग-अलग बैनका बन गया, और यहां के लोग अपने अधिकारों की हिफाजत के लिए संघर्ष करने लगे।

सिनाई युद्ध:

1956 में सिनाई युद्ध के दौरान, इजराइल ने गाजा को अपने कब्जे में कर लिया, लेकिन इसे बाद में वापस किया। यह युद्ध सुदूर पूर्वी देशों के बीच विवाद का हिस्सा था और इस्राइल के साथी देशों ने इसमें समर्थन प्रदान किया।

गाजा के हक की बात:

1967 में, इस्राइल ने गाजा को पुनः कब्जे में किया, और तब से ही गाजा का संघर्ष और उप्रेतिरक्षा तेजी से बढ़ गए। गाजा के लोग अपने आधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करने लगे और पालेस्टाइन के गठन की मांग की।

ओस्लो समझौता:

1993 में, इस्राइल और पालेस्टाइन के बीच ओस्लो समझौता हुआ, जिसके अनुसार गाजा को पालेस्टाइन का हिस्सा माना गया। इस समझौते के तहत, गाजा को पालेस्टाइन के नियंत्रण में किया गया, लेकिन इसके परिणामस्वरूप भी यहां के संघर्ष और संघर्ष की स्थिति जारी रही।

हमास का आगमन:

2006 में, हमास नामक संगठन ने गाजा में चुनाव जीते और उसके बाद यह इस्तीफा दिया। इसके बाद, हमास ने गाजा के नियंत्रण को अपने पास लिया और इस्राइल के खिलाफ हमलों की बढ़ती आवश्यकता बना दी। इसके परिणामस्वरूप, इस्राइल ने गाजा पर बार-बार हमले किए और इसे ब्लॉकेड किया, जिससे गाजा के लोगों की जीवन की गुणवत्ता प्रभावित हुई।

2007 में हमास की सत्ता:

2007 में, हमास ने गाजा पट्टी में सत्ता हासिल की, जिससे इस्राइल और गाजा के बीच और भी तनाव और संघर्ष बढ़ गए। हमास का नेतृत्व इस्राइल को अपने सुरक्षा संवाद में अत्यधिक चुनौती प्रदान किया और गाजा पट्टी के लोगों के बीच और इस्राइल के बीच तनाव और संघर्ष बढ़ते रहे।

2014 गाजा युद्ध:

2014 में, गाजा पट्टी में होने वाले एक और युद्ध के दौरान, इस्राइल ने गाजा पट्टी को भारी आक्रमण किया। इस संघर्ष में, हजारों प्लेस्टाइनियन और कई सैन्यकर्मियों की मौके पर मौके के मारे गए, और गाजा के लोगों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस संघर्ष के बाद, इस्राइल और गाजा के बीच संघर्ष और विवाद और भी बढ़ गए और सुलह की किरणें दिखाई देने में कठिनाइयों का सामना किया।

सबर और सलाम:

कुछ सनों के बाद, 2020 में इस्राइल और हमास के बीच सबर और सलाम समझौता हुआ, जिसमें संघर्षों को बंद करने और गाजा के लोगों को आर्थिक मदद पहुंचाने की कई मानदंडों की बात की गई। इस समझौते से, गाजा पट्टी के लोगों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए इस्राइल ने वाणिज्यिक बंदरगाह की अनुमति दी और हमास ने संघर्षों को बंद करने की जवाबी कार्रवाई की।

संघर्ष के प्राकृतिक दुश्मन:

इस्राइल और गाजा के बीच के संबंध एक प्राकृतिक दुश्मन के रूप में दिखाई देते हैं। इस्राइल ने अपने सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी है, जबकि हमास और अन्य प्लेस्टाइनियन संगठनों ने इस्राइल को अपने समृद्धि के माध्यम से बदलने के प्रयास किए हैं।

संघर्ष का समाधान:

इस्राइल और गाजा के बीच के संघर्ष का समाधान एक मुश्किल और जटिल काम है। इस समस्या के समाधान के लिए बड़े दिल से संवाद की आवश्यकता है और समझौते का मार्ग चुना जाना चाहिए। अंत में, दोनों पक्षों के बीच समझौता होना चाहिए जो बराबरी, सुरक्षा और सद्गति के लिए हो।

इस्राइल और गाजा के बीच के संबंधों का इतिहास लगातार तनाव और संघर्ष के साथ भरा हुआ है। इस्राइल और गाजा के बीच सबर और सलाम समझौता जैसे कई प्रयास हुए हैं, लेकिन यह संघर्ष और टकराव बार-बार फिर से बढ़ जाते हैं। समय के साथ, हमें इस्राइल और गाजा के बीच शांति और समझौते की ओर बढ़ने की आवश्यकता है, ताकि इस क्षेत्र के लोगों को आरामदायक और सुरक्षित जीवन जीने का मौका मिल सके।

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