उदयपुर: झीलों का शहर एशिया का वेनिस | पढ़े उदयपुर में घुमने की जगह
उदयपुर: राजस्थान का शहर जो अपनी सुंदरता और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। हमेशा से ही दर्शको को लुभाता रहा है आईये जानते है उदयपुर क्यों प्रसिद्ध है? उदयपुर में घुमने की जगह कौन कौन सी है? उदयपुर का इतिहास क्या है? उदयपुर कैसे पहुचें? उदयपुर किसने और कब बसाया था? ऐसे ही बहुत से सवालो के जवाब आज हम इस पोस्ट में लेकर आये है?
पौराणिक कथाओं से भरपूर राजस्थान राज्य अपनी संस्कृति, वास्तुकला और परंपरागत जीवनशैली के लिए मशहूर है। राजस्थान में अनेक किले और महल है झीलों और पहाड़ों से घिरे राजस्थान के शहरो का अपना अलग इतिहास रहा है जिसमे मेवाड़ का उदयपुर आज भी पूरी शान से खड़ा है। उदयपुर से पहले चित्तोड मेवाड़ की राजधानी था। लगातार मुगलों के आक्रमणों और लूट के चलते सुरक्षित स्थान पर राजधानी को स्थानांतरित करने के उद्देश्य से राणा उदय सिंह ने 1559 ई. में उदयपुर नगर बसाया और मेवाड़ की राजधानी बनाया। उदयपुर शहर को झीलों का शहर भी कहा जाता है साथ ही "एशिया का वेनिस" भी यही है। पौराणिक संस्कृति की झलक आज भी उदयपुर के बाजारों में देखने को मिलती है।
उदयपुर में घुमने योग्य प्रमुख जगह
1. सिटी पैलेस, उदयपुर
उदयपुर का प्रसिद्ध महल सिटी पैलेस अपनी सुंदरता और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है यह पिछोला लेक के किनारे पर स्थित है महल की दीवारों से लेक को देखा जा सकता है। वह दृश्य मनमोहक होता है। सिटी पैलेस का कुछ हिस्सा पब्लिक के लिए खुला है कुछ हिस्से में होटल है और कुछ में महाराजा निवास करते है। सिटी पैलेस में संग्राहलय है जिसमे राजघराने से जुडी वस्तुए रखी गयी है और युद्ध के हथियार भी देखने मिलते है किले में रानी महल भी है जो आज कई तरह के बाजारों से सजा है म्यूजिक, पेंटिंग और टेक्सटाइल जैसी अन्य गैलरी है आप यह बड़ीपोल और त्रिपोलिया द्वार से प्रवेश कर सकते है। महल घुमने में आपको 2 से 3 घंटो का समय लग सकता है। सिटी पैलेस उदयपुर के खुलने का समय सुबह 9:30 से शाम 5:30 तक का है।
2. फ़तेह सागर लेक
उदयपुर की एक खुबसूरत झील जो महाराणा जय सिंह द्वारा बनवाई गयी थी लेकिन बाढ़ के कारण यह झील नष्ट हो गयी थी फिर महाराणा फ़तेह सिंह ने इसका पुननिर्माण करवाया था। झील के बिच में एक बगीचा है झील में बोटिंग के अपना अलग ही अनुभव है। फतेहसागर मोती मगरी के पास स्थित है।
3. पिछोला लेक
यह झील सिटी पैलेस के से लगकर ही है महाराणा लक्ष के समय पिछु बंजारा ने इस झील को बनवाया था यह एक कृत्रिम झील है यह झील अरावली से घिरी हुयी है झील के बिच में महल है जो अब होटल का रूप ले चूका है वह आप नाव द्वारा जा सकते है। महल राजस्थान की शिल्प कला के बेहतरीन उदाहरण है। यहा नाव भी की सवारी करते हुए पहाड़ो और महल को देखने का नज़ारा रोमांचित करने वाला होता है।
4. जगदीश मंदिर
उदयपुर का जगदीश मंदिर प्रसिद्ध है यह की कलाकृति और वास्तुकला मनमोहक है यह मंदिर सिटी पैलेस के समीप ही है इसका निर्माण महाराणा जगत सिंह ने करवाया था। 400 साल से भी पुराना यह मंदिर 50 खंभों पर टिका है उन खंभों में कला के सुन्दर उदाहरण देखने मिलते है भगवान विष्णु की समर्पित इस मंदिर में भगवान विष्णु की चतुर्भुज स्वरुप की काले पत्थर की मूर्ति है।
5. मोती मगरी
फ़तेह सागर के तटीय क्षेत्र में स्थित पहाड़ी भूभाग है जो महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की वीरता के लिए प्रसिद्ध है मोती मगरी में मुगलों के खिलाफ हल्दीघाटी के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। महाराणा प्रताप की प्रतिमा 11 फिट उंची, जिसका वजन 7 टन है। इसे 1948 में महाराणा भागवत सिंह ने बनवाया था। फतेह सागर के दृश्य वाला यह पहाड़ी पार्क राजपूत नायक महाराणा प्रताप और उनके प्रिय घोड़े चेतक की एक प्रतिमा के ऊपर स्थित है, जिन्होंने मिलकर मुगलों को ललकारा। पहाड़ी पर एक मोती मगरी संग्रहालय भी है मोती महल संग्रहालय एक दर्शनीय स्थल है और यहाँ आप विभिन्न प्रकार के चित्रों पर गहरी नज़र डाल सकते हैं और उनमें से सबसे आकर्षक चित्तौड़ की रानी है जो रानी पद्मिनी और मीरा बाई नामक संतों में से एक है।
उदयपुर अपनी सभ्यता और कलाकृति के लिए मशहुर है यह देश विदेश से हजारो की संख्या में पर्यटक आते है यह घुमने के लिए सबसे अच्छा समय ठंडी का मौसम होता है आप बस, ट्रेन और हवाई मार्ग से उदयपुर पंहुच सकते है।