प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन में 9500 किलो के अशोक स्तम्भ का अनावरण किया गया
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह नए संसद भवन में अशोक स्तंभ की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। यह प्रतिमा 6.5 मीटर (लगभग 20 फीट) ऊंची और 9500 किलो वजन की है। इसे सपोर्ट करने के लिए स्टील का लगभग 6500 किलोग्राम वजनी सिस्टम भी बनाया गया है। यह प्रतिमा निर्माणाधीन संसद भवन पर लगने से पहले 8 चरणों से होकर गुजरी है। स्केचिंग से लेकर स्थापित करने तक के चरण शामिल है इस प्रतिमा को बनाने में 2000 से अधिक लोगो का सहयोग रहा है।
क्या है अशोक स्तंभ और इसका इतना महत्व क्यू है?
मौर्य वंश के महान सम्राट अशोक द्वारा कई स्तंभों का निर्माण करवाया गया था जिनमे से एक सारनाथ के स्तंभ को चुनकर 26 जनवरी 1950 को संविधान को अंगीकृत करते समय स्वीकृत किया गया था। यह स्तंभ साहस, शक्ति, गर्व और विशवास का प्रतिक है। इसमें 4 शेर खड़े है जो चारो दिशाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे है उनकी पीठ एक खम्भे से जुडी हुयी है उनकें नीचें एक पहिया बना हुआ है पहिये के एक तरफ बैल और दूसरी तरफ घोड़े बने हुए है। अशोक स्तंभ पर देवनागरी भाषा में "सत्यमेव जयते" लिखा हुआ है। स्तंभ का यह मुण्डका उपनिषद से लिया गया है।
भारत के गर्व की बात है आजादी के बाद पहली बार संसद में इतना बड़ा बदलाव हो रहा है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट सरकार का सबसे बड़ा ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसकी वास्तुकला देश का गौरव बढ़ाने वालीं है आशा जताई जा रही है की यह नया संसद भवन अक्टूबर 2022 तक बनकर तैयार हो जायेगा। उसमें प्रथम अशोक स्तंभ का अनावरण इस बात का संकेत है की कुछ बड़ा और गौरवशाली इतिहास लिखा जाने वाला है सम्राट अशोक भारत के एक महान शासक थे उनके शाशनकाल में भारत के साम्राज्य का अधिकाधिक विस्तार हुआ था उनके प्रतिक असत्य पर सत्य की जित के चिन्ह अशोक स्तंभ भारत देश की गरिमा को बढाने वाला प्रतिक है।