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Travel / 2022/06/02

Odisha: उड़ीसा की 6 खुबसूरत घुमने योग्य टूरिस्ट जगह, Odisha Tourism

1. उड़ीसा के प्रसिद्ध मंदिर जगन्नाथ पुरी मंदिर

jagannath puri temple

श्री जगन्नाथ मंदिर ओडिशा राज्य के पुरी में भारत के पूर्वी तट पर स्थित भगवान जगन्नाथ(श्री कृष्ण) को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर है। इसमें भगवान श्री कृष्ण के साथ उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा तीनो के मंदिर है जगन्नाथ पूरी की रथ यात्रा विश्वविख्यात है। 10 दिनों तक रथ यात्रा का कार्यक्रम चलता है रथों को मंदिर की ही तरह सजाकर भव्य यात्रा निकाली जाती है। यदि आप जगन्नाथ पुरी मंदिर में दर्शन पूजन के लिए जाना चाहते हैं तो आपकी सुविधा के लिए यह बता दें कि जगन्नाथ पुरी मंदिर सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है।

जगन्नाथ मंदिर करीब चार लाख वर्ग फीट एरिया में है। इसकी ऊंचाई 214 फीट है। आमतौर पर दिन में किसी वक्त किसी भी इमारत या चीज या इंसान की परछाई जमीन दिखाई देती है लेकिन जगन्नाथ मंदिर की परछाई कभी किसी ने नहीं देखी। इसके अलावा मंदिर के शिखर पर जो झंडा लगा है, उसे लेकर भी बड़ा रहस्य है। यह ध्वज हवा की विपरीत दिशा में लहराता है ।

2. उड़ीसा पर्यटन में देखने लायक जगह उदयगिरि और खंडगिरि की गुफाएं

udaygiri khandgiri caves

उदयगिरि और खंडगिरि की गुफाओ को जैन समुदाय द्वारा बनायीं गयी गुफाओं में सबसे प्राचीन गुफाएं कहा जाता है उदयगिरी का मतलब सूर्यउदय की पहाड़ी और खांडागिरी का मतलब टूटी हुई पहाड़ी से लिया जाता हैं। उदयगिर में 18 और खांडागिरी में 15 गुफाएं स्थित हैं, जिनमे से रानी गुफा को सबसे खास माना जाता हैं। उड़ीसा में पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगहों में से एक है यह गुफाये व प्रकृति प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण की जगह बना हुआ है।

3. उड़ीसा के पर्यटन स्थल सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान

simlipal national park

सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान उड़ीसा के मयुरभंज में स्थित है यूनेस्को द्वारा सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान को बायोस्फियर रिज़र्व के रूप में चुना गया हैं। इस उद्यान को 90 से अधिक बंगाली शेर और 400 से अधिक हाथियों के निवास स्थान के रूप में जाना जाता हैं। जो सिंघा और जंगली शांड भी यहा देखे जा सकते हैं। सिमलीपाल नेशनल पार्क के अन्दर पानी का एक खूबसूरत झरना भी बना हुआ हैं मयुरभंज की एक और विशेषता है की यह चाइल्ड लेबर (बाल मजदूरी) से पूरी तरह मुक्त है यह बच्चो से कोई काम नहीं करवाया जाता।

4. उड़ीसा के प्रसिद्ध मंदिर कोणार्क सूर्य मंदिर

konark sury mandir

सूर्य देव को ग्रहों का राजा माना गया है। सूर्य को हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार ब्रह्मांण की आत्मा माना गया है। ऐसे में माना जाता है कि रविवार को सूर्यदेव की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इनकी उपासना से स्वास्थ्य,ज्ञान, सुख,पद,सफलता,प्रसिद्धि आदि की प्राप्ति होना माना गया है। ऐसी ही मनोकामना लेकर इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया गया था 

कोणार्क सूर्य मंदिर के बारे में बचपन से किताबो में भी पढ़ते आते है और जैसा पढ़ा उस से भी कई गुना अधिक मनमोहक है यह मंदिर यहा की वास्तुकला इस मंदिर को भारत के अन्य मंदिरों से बिल्कुल ही अलग बनाती है और यह मंदिर भारत की प्रसिद्ध स्मारकों की सूची में शामिल है। कोणार्क सूर्य मंदिर के प्रमुख देवता भगवान सूर्यनारायण हैं। मंदिर में होने वाले वार्षिक नृत्य उत्सव, इसके आसपास के समुद्री तट और कोणार्क सूर्य महोत्सव इसके प्रमुख आकर्षणों में शामिल है। यह मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल है।


5. ओडिशा में घुमने के लिए प्रसिद्ध स्थान कटक

cuttak

कटक महानदी नदी डेल्टा की नोक पर स्थित, यह पूर्व की राजधानी और ओडिशा का दूसरा सबसे बड़ा शहर है, और उड़ीसा में घूमने के लिए सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। कटक का इतिहास 1000 साल से भी अधिक 989 ईसा पूर्व में केशरी राजवंश के दौरान का देखा जाता है और अब इसे देश के सबसे सुनियोजित 'मिलेनियम' शहरों में गिना जाता है। महानदी बैराज, बाराबती का किला, भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य, अंसुपा झील, और सिंगनाथ और भट्टारिका के मंदिर यहां के प्रमुख आकर्षण माने जाते हैं। आप ओड़िसा जाए तो प्रकृति के सानिध्य के लिए कटक अवश्य जाए।

6. उड़ीसा टूरिज्म में घूमने की जगह हीराकुंड बांध

hirakund dam

हीराकुंड बांध भारत का सबसे लंबा मानव निर्मित बांध है जिसकी लंबाई लगभग 56 किलोमीटर है। इस अद्भुत डैम को वर्ष 1956 मे निर्मित किया गया था। बांध पर 21 किलोमीटर लंबी एक ड्राइव-थ्रू (Drive-Thru) सड़क है जो आपको बांध के अंदर तक की सैर कराती है। हीराकुंड बांध उड़ीसा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। इसके दोनों तरफ दो अवलोकन मीनार हैं, गाँधी मीनार व नेहरू मीनार। इसके जलाशय की तट रेखा 639 किमी० लम्बी है। इस बाँध को बनाने में इस्तेमाल हुए मृदा, कंक्रीट व अन्य सामग्री से कश्मीर से कन्याकुमारी तथा अमृतसर से डिब्रूगढ़ तक करीब आठ मीटर चौड़ी सड़क बनाई जा सकती थी। हीराकुण्ड की झील एशिया की सबसे बड़ी मानवनिर्मित झील है। इस बांध की लंबाई 4801 मीटर है जिसमे 810 करोड़ घन मीटर जल संचित होता है। इसका उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण एवं विद्युत उत्पादन करना है।


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