Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय किस दिशा में होना चाहियें?
वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय किस दिशा में होना चाहियें, वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में शोचालय कहा होना चाहियें ऐसें बहुत से सवाल है जो घर बनाते समय हमारे मन में आते है जिनके जवाब मुश्किल से मिलते है या फिर बहुत सारे जवाब होते है हर जगह अलग अलग सलाह मिलती है इसलिए आज हम लेकर आये है आपके लिए इन्ही सारे सवालो के जवाब। वास्तु शास्त्र से सम्बंधित विस्तृत जानकारी आप हमारी वेबसाइट के वास्तु शास्त्र पेज पर पढ़ सकतें है।
घर में शोचालय का होना जरुरी है लेकिन गलत दिशा में बनाया गया शोचालय फायदे की जगह नुकसान देता है कई लोग वास्तु को नजरअंदाज कर जहा जगह बची वही पर शोचालय बना देते है या फिर फैशन के अनुसार घर का निर्माण करवाते है लेकिन वास्तु की अनदेखी की वजह से कई प्रकार की समस्याओ का सामना करना पड़ता है इसलिए घर बनाते समय वास्तु का विशेष ध्यान रखे। विशेष रूप से सूर्य की किरणों और पृथ्वी की चुम्बकीय शक्ति और स्थान की भोगोलिक स्थिति के आधार पर घर के वास्तु का निर्माण होता है, उस अनुसार ही कौन सी चीज कहा होनी चाहियें इन सब का ध्यान रखकर ही कार्य करना चाहियें।
घर में शौचालय सही स्थान पर नहीं बने होने से कौन कौन से समस्यायें उत्पन्न होती है?
- घर में आपसी क्लेश होना।
- व्यवसाय में हानि होना।
- परिवार में रोग ख़त्म ना होना।
- मुखिया के आत्मविश्वास में कमी होना।
वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय किस दिशा में होना चाहियें?
वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय वायव्य दिशा में होना चाहियें। शौचालय की दिशा में सकारात्मकता का होना अनिवार्य है इसलिए शौचालय के लिए उत्तर - पश्चिम दिशा को सही बताया गया है। शौचालय की सीट उत्तर या दक्षिण और दक्षिण या उत्तर में होनी चाहिए। मतलब जब हम सीट पर बैठते हैं हमारा चेहरा उत्तर और दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। पूर्व और पश्चिम दिशा की ओर हमारा चेहरा कभी नहीं होना चाहिए।
शौचालय का रंग कैसा होना चाहियें?
वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय का रंग हल्का चॉकलेटी, हल्का नीला या फिर सफ़ेद रंग करवा सकते है। यह रंग शौचालय की नकारात्मकता को ख़त्म करते है। दीवारों पर टाइल्स लगा सकते है।
शौचालय की फर्श कैसी होनी चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार हमें फर्श का रंग हमेशा क्रीम या मटमैला होना चाहिए। उभरा हुआ पत्थर नहीं लगाना चाहिए । सफेद कलर का पत्थर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि सफेद रंग शुक्र का होता है। यह पैर के नीचे नहीं आना चाहिए। लाल रंग मंगल का होता है यह भी पैर के नीचे नहीं आना चाहिए। हम इस जगह पर मटमैला रंग का पत्थर इस्तेमाल कर सकते हैं। फर्श की ढलान उत्तर पूर्व दिशा की तरफ होनी चाहिए यह घर में सकारात्मक प्रभाव डालता है।
यह जानकारी सामान्य मान्यताओ के आधार पर दी गयी है हम इसकी पुष्टि नहीं करते।